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लेखनी प्रतियोगिता -10-May-2022

स्वर्ग की मिट्टी उठा

गंगा मिलाकर ईश ने
पूरी तन्मयता से तब
नारी रची जगदीश ने।

एक माता जब किसी बच्चे
को कुछ सिखलाती है
शिष्य गुरु सम्बन्ध में
ममता भी घोले जाती है।

पदचाप सुनकर ही पति के
मन को वो पढ़ जाती है
इतनी समर्पित दृष्टि वो
जाने कहाँ से लाती है।

वो है मर्यादा की मूरत
वो प्रकृति की लीक है
और परमात्मा के वो
सबसे अधिक नजदीक है।



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35 Comments

Shnaya

12-May-2022 03:18 PM

👏👌🙏🏻

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Soniya bhatt

11-May-2022 07:02 PM

👏👏

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Anshumandwivedi426

11-May-2022 07:37 PM

कोटिशः धन्यवाद

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Neelam josi

11-May-2022 05:34 PM

बहुत खूब

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Anshumandwivedi426

11-May-2022 07:36 PM

हृदयतल से धन्यवाद

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